Crime story in hindi|crime patrol|राजस्थान प्रदेश के जयपुर में लवमैरिज के बाद पत्नी के कत्ल की अजीब कहानी
Crime patrol -कभी कभी इंसान अपनी जिंदगी में इतनी समझदारी काम करता है जब लोगों को समझदारी के बारे में पता चलता है तो यकीन नहीं होता कि कोई इतना समझदार कैसे हो सकता है दरअसल बिहार प्रदेश का एक जिला है बेगूसराय और बेगुसराय ही एक गांव लगता है भगवानपुर भैया बात कर रहा हूँ तेरह नवंबर दो हज़ार तेरह की रात लगभग एक बजे के
आसपास एक घर है एक कमरा है उसके अंदर से तरह तरह की आवाजें आ रही थी जैसे ही इस घर की मालकिन होती है एक बूढ़ी औरत होती है उसकी आंख खुलती है वह तुरंत ही अपने पति को जगाती है और पति को जगाने नहीं बात कहते कि देखो कमरे के अंदर से अजीब तरह की आवाजें आ रही हैं हमें वहां जाकर देखना चाहिए अब दोनों आदमी मिलकर उस कमरे में जब आगे बढ़ते हैं।
आगे बढ़ने के बाद एक दराज से झांकने की कोशिश कर रहे थे तो जो उनके बेटे की बहू है वह नग्न अवस्था में होती है साथ ही एक और आदमी है उसके साथ वह भी नग्नावस्था में होता है। अपने ही बेटे की बहू को किसी गैर मर्द के साथ देखकर उन दोनों की हालत खराब हो जाती है वो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिरकार करें तो क्या करें तुरंत ही
उन्हें उस गेट के बाहर से ताला लगा दिया और ताला लगाने के बाद न कोई अंदर जा सकता था न कोई अंदर से बाहर आ सकता था तुरंत ही उसने अपने बेटे को फोन किया और बताया कि तुम्हारी बहू है।
जिसका नाम काजल देवी है वह किसी गैर मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में हमने अपनी आंखों से खुद देखा है।
दोनों ही कमरे के अंदर बंद है पति को जैसे यह बात पता चलती है पति आग बबूला होकर चीधा मौके पर आता है और आने के बाद अपनी पत्नी से बातचीत करता है कहता है कि साल दो हज़ार अट्ठारह में हमारी शादी हुई थी सब कुछ ठीक चल रहा था दो बच्चे भी हो गए हैं अब यह सब तुम्हें करने की क्या
जरूरत है। लेकिन काजल ने भी पूरी ईमानदारी से अपनी सफाई दी और कहा कि हम शादी से पहले ही एक दूसरे को जानते थे। ये कोई पहली बार नहीं है बल्कि पांच साल से लगातार ऐसे ही चल रहा था जब मन करता है। वैसे ही तुम कुछ भी करो लेकिन हम लोग साथ साथ ही रहेंगे ऐसे ही करें।
पति को बड़ा आश्चर्य हुआ पति उसके प्रेमी यानी कि राजकुमार राघव के पास जाता है राजकुमार या ठाकुर के पास जाता है जाकर कहता है कि यह सब जो कर रहे हो तुम्हें शर्म नहीं आती वह कहता कि हम एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं। जैसे ही पति ने यह बात सुनी पति ने कुछ आराम से सोचा इत्मिनान से सोचा सोचकर दोनों
की सहमति ली गांव के सरपंच को बुलाया और गांव के ही शिव मंदिर पर उन दोनों के लेकर जाते हैं कहते हैं कि इनकी धूमधाम से शादी कर लो जो दोनों बच्चे की परवरिश मैं खुद करूंगा इससे पहले कि कोई अनर्थ हो इन दोनों को साथ रहने दिया जाए मैं अपनी आगे की जिंदगी अपने हिसाब से काट दूंगा अब यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है क्योंकि गांव के लोगों ने इसका वीडियो बनाया और
वीडियो बनाकर इसे अपलोड कर दिया और जैसे जैसे लोगों को यह बात पता चल रही थी कि एक पति ने अपनी पत्नी के प्रेमी से शादी करा दी और दोनों बच्चों की जिम्मेदारी खुद उठाने का फैसला लिया है ।
तो लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी बड़ी बात होने के बाद भी कोई क्राइम नहीं हुआ सब कुछ ठीक हो गया
Crime story in hindi-crime patrol,मगर आज की सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूं कि सच्ची घटना में देखते ही
देखते तीन कत्ल हो जाते हैं तीन मर्डर हो जाते हैं वो भी बहुत भयानक रूप में लोगों को इस घटना के बाद यकीन नहीं हो रहा था कि कोई इंसान आखिरकार ऐसा कैसे कर सकता है।
आदाब नमस्कार सत श्री अकाल में उस्मान सैफी आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूँ। कि सच्ची घटना है।
राजस्थान प्रदेश का एक शहर है जयपुर और इसी का शहर पश्चिम एक इलाका है दरअसल बात कर रहा हूँ उन्नीस नवंबर दो हज़ार तेरह की शाम लगभग चार बजे के आसपास एक व्यक्ति थाना करघनी का रहने वाला जिसका इलाका लगता है।
डर सना डूंगर वहां का रहने वाला जिसका नाम होता है
हनुमान सैनी वो पुलिस को फोन करता है और कहता है कि साहब आपको मौके पर आना ही पड़ेगा कुछ इतनी बड़ी बात है जिसका शायद मुझे लग रहा है कि कुछ न कुछ बड़ी बात हो चुकी है जैसे एसएचओ सुनता है।
कि घबराओ मत आराम से तसल्ली से जो भी बात है तो बताओ कहता है किसी का घर है, उसके अंदर से बहुत दुर्गंध आ रही है ऐसा लग रहा है जिसे कोई अप्रिय घटना हो चुकी है।
जैसे बात सुनी एसएचओ तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचते हैं और आकर मौके पर देखते हैं दो कमरे हैं दोनों के ताले लगे हुए थे। खोलने का प्रयास किया क्योंकि ताले लगे हुए थे। दरवाजा खुलने का कोई मतलब नहीं था जैसे ही पुलिस वालों ने जिससे रूम के अंदर से दुर्गंध आ रही थी उस ताले को तोड़ा तोड़कर जैसी अंदर प्रवेश करते हैं ।
तो दो महिलाएं हैं जो आराम से इतना से अपनी चारपाई अपनी खाट पर सोई हुई थी कोई हलचल नहीं कुछ नहीं ऐसा लग रहा था जैसे सब कुछ ठीक है लेकिन कमरे के अंदर बहुत ज्यादा दुर्गंध आ रही थी पुलिस वालों ने जो पास जाकर देखा तो एक लडकी है जिसकी उम्र लगभग ग्यारह साल के आसपास से नाम उसका प्रिय होता है।
बिल्कुल मर चुकी है चारों तरफ खून ब्लड बह बह रहा था और उसने जैसा लग रहा था जैसे कार्टिलेज को मारा है लेकिन उसने किसी तरह की कोई हलचल नहीं की कोई विरोध नहीं किया चुपचाप जिसे नाम से आराम से सो रही है लेकिन उसकी बॉडी सड़ चुकी थी साथ ही उसके बार में एक और महिला लेती हुई है जिसका नाम किरण यादव होता है उम्र उसकी बत्तीस साल के आसपास होती है।
दो लाशें एक कमरे में देखकर और ये खबर जैसे ही लोगों को पता चलती है सनसनी फैल जाती है पुलिस वाले घबरा रहे थे कि दूसरा जो कमरा भी दूसरे कमरे का ताला लगा हुआ है सब कुछ ठीक है ठीक वैसा ही होना चाहिए कुछ नहीं होना चाहिए क्योंकि पुलिसवालों ने सुनकर या आसपास के लोगों ने उसे में झांकने की कोशिश की लेकिन कुछ नहीं रहा था और कुछ ऐसा था
नहीं जिससे अंदाजा लगाया जा सके लेकिन एसएचओ जो उदय सिंह होते हैं।
उन्होंने कहा कि ठीक है इस कमरे का भी आपको ताला तोड़ना चाहिए कमरे का ताला तोड़ा जाता है और जैसे कमरे का ताला तोड़ा जाता है तो पुलिस के हो हालत खराब हो जाती है होश फाख्ता हो जाते हैं एक लडकी है जिसकी उम्र लगभग आठ साल के आसपास का नाम रिया होता है।
रिया की लाश ऐसे ही पड़ी हुई थी जैसे उसकी बड़ी बहन की जैसे उसकी मां की लाश पड़ी हुई है अभी सवाल था कि तीन हत्याएं घर के अंदर हो जाती हैं हत्यारा कौन है जो हत्या की है बहुत तरह के सवाल थे अब इन सवालों का जवाब हर कोई जानना चाहता था पुलिस वाले करें तो क्या करें क्योंकि यह किराए के मकान में रह रहे थे इनका मूल निवासी हैं उत्तर प्रदेश का एक फतेहपुर जगह लगती है।
वहां के मूल निवासी हैं पता करते हैं कि कौन है कहां से आए क्या मामला है। और पता चलता है कि जिसका पति है इस औरत का इसकी दो बेटियां हैं जो मर चुकी हैं और महिला भी मर चुके हैं लेकिन पति कहां हैं अब पति के बारे में इसका नाम अमित यादव होता है अब अमित यादव कहां है उस वह गायब हो चुका था उसका फोन मिलाते हैं तो फोन उसका बंद है कहा गया है नहीं गया है
पुलिस अब इस बात को लेकर परेशान थे तीनों शवों को कब्जे में लेते हैं पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर रहती है जिससे पता चलता है कि स्तर में भारी वस्तु मारी है जिसकी वजह से जिसमें मारे भी एक ही बार है एक बार मानने में ही वो उनका काम तमाम हो चुका है कौन है मारने वाला क्या बात है पति सामने आएगा तो कुछ बाद बताएगा इसलिए पुलिस पति की
तलाश में जुट जाती है अब बीस नवंबर की सुबह लगभग सात और आठ बजे के आसपास का वक्त हो रहा था
इस व्यक्ति का फोन जैसे उन होता है इसकी लोकेशन मिल जाते हैं और लोकेशन मिलते ही पुलिस एकदम अलर्ट हो जाते है पुलिस जितनी जल्दी हो सकता था फ्लोर स्पेस लोकेशन की तलाश करती हैं तलाश करने के बाद आखिरकार टनकपुर रेलवे स्टेशन पर इसका जो अमित यादव द्वारा पति होता है वो वहां आराम से बैठे वर्तमान से जैसे के किसी ट्रेन का इंतजार कर रहा हो
ठीक वैसे ही बैठा हुआ था पुलिस वाले जाते हैं और उसे आराम से दबोच लेते हैं इसे पूछा जाता है बट पता किया जाता है कि तुम यहाँ हो तुम्हारे बच्चे कहाँ है वह कहता है कि साहब मैंने उन्हें मार कर आराम से नींद सुला दिया है।
सो रहे हैं इसलिए मैं यहां के बैठ गया हूँ जैसे ही पति बहुत आराम से बात कहता है ऐसा लग रहा था जैसे कि मानसिक रूप से बीमार है पूरा साइकोलॉजिकल कोई न कोई टेंशन है इसको क्या बात है पुलिस वाले उसको बहुत आराम से थाने लेकर आते हैं उससे बातचीत करते हैं तो वह बताता है कि यहां जयपुर में रहकर अगरबत्ती की फैक्ट्री में काम करता था मेहनत मजदूरी करके अपने घर परिवार चला रहा था ।
लेकिन न जाने कितने खर्च हो गए और खर्च होते होते उस पर दो लाख रुपए का कर्ज हो जाता है इसी बीच में अपनी साली की शादी तय करवा देता है और इस बात को लेकर उसकी पत्नी किरण यादव को बहुत गुस्सा आता है कि तुम ऐसा क्यों कर रहे अपनी बहन के रिश्ते को लेकर वह नाखुश थी उधर उसका पति लगातार कर्जे में था।
घर में किसी न किसी बात को कलेश रहने लगा और झगड़ा होने लगा वो बार बार झगड़े को शांत करने की कोशिश कर रहा था एक दिन उसे गुस्सा आता है गुस्सा आने के बाद थामने का बेटा रखा हुआ था उस बैठे को बहुत तेजी के साथ अपनी पत्नी के समय मारता है तो पत्नी बेहोश होकर गिर जाती है लेकिन इत्तेफाक से चोट नहीं लगती जब एक ही बार में बेहोश होकर गिर जाती है तो उसके में आता है कि चुना इसे हमेशा हमेशा
के लिए सुला दिया जाए लेकिन किसी को पता ना चले कुछ ऐसा किया जाए इसलिए उसने जो प्लानिंग की थी उसने सोचा था उस सोच के हिसाब से ही सत्रह नवंबर दो हज़ार तेरह की रात लगभग एक बजे के आसपास उसकी आंख खुलती है कमरे में जाकर देखता है तो एक चारपाई पर उसकी पत्नी लेती हुई है एक चारपाई पर उसकी दोनों बच्चियां लेती हुई हैं बेटियां लेते होंगे वो अपनी पत्नी के पास जाता है।
है एक भारी हथौड़ा लेता है और भारी हथोड़ा जितनी ताकत के साथ अपनी पत्नी को मार सकता था उतनी ताकत के साथ उसने पत्नी के समय वह तो हमारा एक ही बार में उसकी पत्नी मर जाती है यानी कि से तड़पने का मौका भी नहीं मिलता और पास में जो बच्चे सो रहे थे उन बच्चों को भी इस बात का एहसास नहीं होता क्योंकि मां की हत्या हो चुकी है वह बढ़ चुकी है और इसी हिसाब से उस
ने एक और हथोड़ा अपनी बड़ी बेटी का नाम पर होता है उसके सर में मारता है वो भी पूरी ताकत के साथ मरता है और पास में लेटी हुई उसकी बहन को इस बात का एहसास भी नहीं होता क्योंकि वह बहुत ज्यादा गहरी नींद में सोई हुई थी अब उसके अमित यादव को लगता है कि शायद यहाँ इस बेटी का रुकना रहना सही नहीं है उसे उठाता है गोद में और दूसरे वाले कमरे में जाकर ले जाता है।
सो जाता है आंख खुलती है यानी कि अब अट्ठारह नवंबर का दिन आ चुका था और अट्ठारह नवंबर को वह अपने उस बेटी को लेकर नहलाता दिलाता है लेकिन उस कमरे में लेकिन नहीं जाता जिस कमरे में दो लाशें पड़ी हुई थी। इसके बाद अपनी बेटी से कहता है।
बाहर चलते हैं कुछ खाते हैं कुछ घूमते हैं अपने बेटे को लेकर एक जब उससे पूछा जाता है कि तुमने अपनी बेटी तीसरी को क्यों नहीं मारा उस वक्त वह कहता है कि मुझे उसे देखकर तो तरस आ गया था इसलिए मैंने उसे वार नहीं किया और से लेकर दूसरे कमरे में चला गया अगले दिन जब आता है तैयार होते हैं तैयार होने के बाद घर से बाहर निकलते हैं बाजार में घूमते हैं बेटी को जो अच्छा लग रहा था वह दिलवाता है।
दिलवाने के बाद इधरउधर घूम घाम के बेटी कहती हैं मुझे खाना खाना है तब अच्छे होटल में से लेकर जाता है अच्छे होटल जाने के बाद बेटी की मन पसंद की चीजें मंगाता है खुद भी खाता है बेटी को खिलाता है शाम हो जाती है शाम हो जाती है घर आते हैं घर आने के बाद एक कमरे में लाश पड़ी हुई थी दोनों दूसरे कमरा खाली था दूसरे कमरे में अपनी बेटी को लेकर आराम से सो जाता है।
दोनों बाप और बेटी जब सोए हुए थे सुबह के चार यानी कि उन्नीस नवंबर की सुबह चार बजे के आसपास अचानक इसकी आंख खुलती है अब सोच में पड़ जाता है कि अब तो जेल रोड जाएगा बचेगा नहीं लेकिन इस बेटी की परवरिश करें या तो करेगा कौन इसलिए उसने उस हथौड़ों तो फिर दुबारा से लेता है और अपनी ही बेटी के स्तर में पूरी ताकत के साथ हथोड़ा मारता है ठीक वैसे ही बड़ी बेटी को मारा था।
ठीक वैसे ही जैसे उसने अपनी पत्नी को मारा था तीन हत्याएं करने के बाद उतारा लगाता है और ताला लगाने के बाद वहां से आराम से निकल जाता है मोबाइल बंद कर लेता है।
मोबाइल बंद करने के बाद पुलिस तलाश करते हैं लेकिन सत्रह नवंबर की रात को जब मां बेटे की हत्या हो जाती है और धीरे धीरे करके वक्त आगे बढ़ रहा था कहते हैं जैसे जैसे वक्त आगे बढ़ता है वैसे वैसे शरीर में अकड़न से पैदा हो जाती है जब शरीर में जान नहीं होती जब उसमें कोई आत्मा नहीं होती जब वो सिर्फ लाश होती है और वह जो शरीर होता है धीरे धीरे वक्त के साथ पड़ने लगता है।
ठीक मां बेटी का जो शरीर था तो सड़ने लगता है और आसपास के लोगों को इस बात का पता चल जाता है जब आसपास के लोग इस दुर्गम से परेशान होने लगे थे क्योंकि बताया जाता है कि इस कमरे में इस जगह पर और भी आसपास के लोग किराए पर रहते थे इसलिए उन्हें भी इस बात का एहसास नहीं हुआ जब ने ज्यादा दुर्गंध आ रही थी तब हो जिस घर का केयर टेकर होता है ।
हनुमान सैनी उसको फोन करके बुलाते हैं ।कि तुम्हारे घर से बहुत बदबू आ रही है तो में जाकर देखना चाहिए वह खुद देखता है तो उसे ज्यादा बदबू आती है वह पुलिस को बुलाता है पुलिस मौके पर आती और इस घटनाक्रम का खुलासा कर देती है और लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि मैं छोटी सी दो बातों के लिए पहली यह कि उस व्यक्ति पर दो लाख रुपए का कर्ज था दूसरी यह कि उसने अपनी साली का रिश्ता कहीं दूसरी जगह तय किया था।
और उसकी पत्नी को यह बात पसंद नहीं आई मैं छोटी सी बात के लिए तीन कत्ल कर देता है जबकि पहले जो इस घटना के क्रम में जो मैंने शुरुआत की थी उस शुरुआत में अपने देखे था कि पत्नी को आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बाद भी उसकी शादी कहीं दूसरी जगह कराकर दो बच्चों की जिंदगी बचाता है कहता है कि आगे की जिंदगी जेल काटनी होगी कट जायेगी लेकिन इस तरह की किसी रिश्ते में रहना ने चाहता
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है।
दोस्तो इस दोनों पूरे घटना घटना क्रम को सुनाने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं है। बल्कि आपको जागरूक करना आपको सचेत करना है। समस्या कितनी भी बड़ी हो उन्हें बातचीत से सुलझाया जा सकता है जैसे क्या बेगुसराय की घटना में उस अजय कुमार ने बड़ा समझदारी का परिचय दिया था।
और वक्त के साथ हर घाव भी बढ़ जाता है। तो इसलिए कोई भी गलत कदम न उठाएं यदि इस व्यक्ति ने समझदारी का परिचय दिया होता दो लाख रुपए की बात ही आराम से इंतजाम हो सकता था लेकिन तीन लोगों की तीन दिनों की हत्या नहीं करनी चाहिए थी आज जाते जातेक् सिमरा है आज उनका जन्मदिन है को जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं मेरठ के रहने वाले कनक सोम हैं आज इनका भी जन्मदिन है इनको जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं बहुत बहुत मुबारकबाद साथ ही कुछ लोगों ने नाम लेने की अपील की है जिसमें नदीम अनवर हैं अनवरत हैं अवनति हैं मोहम्मद रजा संतोष कुमार यादव मोहम्मद जफरुल हैं
धीरज त्यागी मोहम्मद अफजल श्री श्री केशव मौर्या विकास मिश्रा तस्लीम खान संजीव सिंह विनोद कुमार रहमत अली राजेश राजपूत आप सब लोग अपना खयाल रखें सुरक्षित रहें जय हिंद जय भारत