Crime patrol story|Crime Story in hindi |Meerut News मेरठ में दिनदहाड़े एलएलबी के छात्र को गोली मारी, सगे भाइयों ने पिता के साथ मिलकर किया कत्ल
करोड़पति बनने के लिए एक छात्र लगातार दो साल से मेहनत कर रहा था इतनी मेहनत की उसको सिर्फ अपना लक्ष्य ही दिखाई देता था
सोते जागते उठते बैठते जब दो साल कंप्लीट हो जाते हैं तो उसने मेहनत जो की थी अपना भविष्य बनाने के लिए करोड़पति बनने के लिए वह किसी पढ़ाई लिखाई में नहीं बल्कि लूट की घटना को अंजाम देने के लिए जब लूट की घटना को अंजाम देने जा रहा था जिस अरबपति के घर में घुसता है उस अरबपति ने भी कहा कि मेरे घर में इतना समान है । कि तुम इसे यहां से लूटकर लेकर जाओगे तो करोड़पति बन जाओगे लेकिन शर्त एक है ।
कि तुम किसी को मारोगे नहीं वह भी का नहीं करना चाहता था लेकिन कत्ल एक नहीं बल्कि दो हो जाते हैं और जब इस कत्ल के बाद फैलती है दूर तक जाती है तो उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी यह कहते हुए नहीं था
सकते हैं कि क्या हो रहा है इस प्रदेश के अंदर लेकिन जब पुलिस ने इस घटनाक्रम का खुलासा किया तो पुलिस को भी हैरानी हुई थी खोलने में साथ ही जितने लोगों ने इस घटना के बारे में सुना उनको भी यकीन नहीं हो रहा था कि एक छात्र जो मेहनत करके कल को जज बन सकता था वह जज नहीं कातिल बन गया
Crime Story in hindi
Crime patrol:- आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूँ। सच्ची घटना है। उत्तर प्रदेश का एक जिला है मेरठ दरअसल मेरठ का ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र का एक मोहल्ला लगता है किशनपुर जो कि बहुत ही पॉश इलाका है वहां पर बड़े बड़े अमीर लोग रहते हैं बात कर रहा हूँ दस अगस्त दो हज़ार तेरह की सुबह लगभग सात बजकर पंद्रह मिनट के आसपास दो लड़के बाइक पर आते हैं।
दोनों के चेहरे पर नकाब ढके हुए थे उन्होंने हेलमेट पहना हुआ था अपनी बाइक को थोड़ा दूरी पर लगा देते हैं उसके बाद जब घर का दरवाजा खोलने के लिए
हाथ आगे बढ़ाते हैं तो दरवाजा खुल जाता है
खुलने के बाद सबसे पहले जब घर के अंदर जाते हैं तो एक लड़का घर के अंदर इसका नाम अभिषेक होता है
अभिषेक को देखते हैं और देखने के बाद उसके सामने गण लगाते हैं वे लगाकर कहते हैं कि तुमने चीखने चिल्लाने की कोशिश की तो अंजाम अच्छा नहीं होगा अभिषेक जैन चुपचाप अपना शांत हो जाता है उसके हाथ और पैर बांधे जाते हैं क्योंकि हाथ बांधने के लिए वह बदमाश जो थे साथ में अपने रस्सियां भी लेकर आए थे अभिषेक जैन को बांधकर एक कमरे में छोड़ देते हैं।
बाहर से उसे लोग कर देते हैं उसके बाद दूसरे कमरे में जाते हैं इस बिल्डिंग का इस घर की जो मैन कमरा था अब उस कमरे के अंदर चले जाते हैं और उसमें कमरे के अंदर होते हैं करोड़पति हैं कि बल्कि अरबपति कारोबारी जिनका अपना मेरठ स्पोर्ट्स इंडस्ट्री होते है जहां पर बहुत सारे अरमान बनाए जाते हैं उस व्यक्ति की उम्र लगभग सत्तर साल के आस पास आसपास होती है और नाम डीके जैन और धन कुमार जैन होता है जैसे ही रूम के अंदर वो बदमाश प्रवेश करते हैं डीके जैन को गुस्सा आ जाता है वह कहते हैं कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेडरूम में अंदर घुसने के तभी वो लड़का आप देखता है।
न ताव देखता है और अपने हैं जो गण थी तुरंत गोली चला देता है जैसे गोली चलते है उस करोड़पति अरबपति कारोबारी के पेट में गोली लग जाते हैं और वह जमीन पर गिर जाता है अब उसको ब्लड बह रहा था वह वो तड़पने लगा अपनी शायद जिंदगी के लिए वह अपनी जिंदगी के लिए तो कुछ नहीं लेकिन उसने कहा कि तुम्हें किसी और का कट नहीं करना है।
तो में किसी को और को मारना नहीं है बस जो भी समान है आराम से लूटकर ले जाओ तुम्हें को रोकेगा नहीं तुम्हें कोई तुक नहीं बस इतना था कि वह अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं तुरंत ही उसकी पत्नी जिसकी उम्र लगभग पैंसठ साल के आसपास होती है अंजू जैन रहते हैं और अंजू जैन ने जैसे अपने पति को खून से लथपथ देखा तो उनकी चीख निकल जाती है ही जोर से चीखने चिल्लाने हैं।
कि वो उनकी आवाज अब कमरे से घर से दूर की तरह फैलती तुरंत ही एक और गोली चलती है और वो गोली जाती है अंजू जैन के हाथ में जैसे अंजन के हाथ में लगती हैं वह तुरंत कहते हैं दोनों बदमाश यदि चीखने चिल्लाने की कोशिश की तो फिर से तुम्हें गोली मार दी जाएगी अब उस महिला की चीख चिल्लाहट थी वह पूरी तरह से शांत हो जाती है
उस महिला को भी बांधा जाता है और बांधकर उसे बाथरूम के अंदर बंद कर दिया जाता है ताकि वह चीखे चिल्लाए तो इस बाथरूम आज दूर तक नजर अब विरोध करने की स्थिति में नहीं थी क्योंकि बंधक बन चुकी थी जो घर का बेटा होता है इस कारोबारी का उसका बेटा भी बंधक बना हुआ है और इसे
व्यापारी के गोली लगी हुई थी वह शायद जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था जब दूसरी गोली चलती है दूसरी गोली चलते ही एक और लड़की घर के अंदर है यानी कि इस कारोबारी के जो बड़ा बेटा है उसकी बेटी है अंशिका अंशिका जैसी गोली की आवाज सुनते हैं दौड़ते हुए तुरंत आती है और आकर देखती है कि दो बदमाश घर के अंदर घुसे हुए उसकी दादा जी हैं।
दादाजी खून से लथपथ पड़े हैं दादी का कहीं अता पता नहीं है तुरंत ही उसकी कनपटी पर बंदूक लगा जाती है और लगाते हुए कहते हैं कि तुमने चीखने और चिल्लाने की कोशिश की तो गोली मार दी जाएगी बोलने की शांत हो जाती है उसको उसी के कमरे में ले जाते हैं उसके हाथ पैर मुंह बंद करके बांधकर क्योंकि रस्सियां वह अपने साथ लेकर आए थे।
उनसे बांधकर उसके ऊपर एक सफेद चादर डाल देते हैं ताकि कोई आवाज न करें ताकि कोई चिल्लाना उसके बाद वापिस वो अपने कर्म उसी बैडरूम में आते हैं जिस बैडरूम में करोड़ों रुपए का माल रखा हुआ था उसमें लगभग सत्ताईस अट्ठाईस हजार रुपए की नकदी थी समथिंग बताया जाता है कि आठ करोड़ रुपये के जेवरात रखे हुए थे और जेवरात को आराम से निकाल रहे थे।
और अपनी पोटली में जो बनाई हुई थी अपने बैग था उस बैग में एक करके इकट्ठे कर रहे थे और इसी बीच में फिर से दरवाजा खुलता है और जैसे दरवाजा खुला था तो उनको आहत होती है तुरंत में बाहर जाकर देखते हैं तो एक दूध या दूध लेकर आया था उस दूधिया के पास जाते हैं उसको गन प्वाइंट पर रहते हैं कहते हैं कि चीखने और चिल्लाने की कोशिश की तो गोली मार दी जाएगी
वह दूधिया शांत हो जाता है और कहता कि तुम जैसा कहोगे में वैसा करूंगा मुझे में कोई चीज नहीं में कोई मानें नहीं क्योंकि उसको नहीं पता था कि जिस घर का मालिक है वह मर चुका है उस घर की मालकिन हैं वह जिंदगी की जंग लड़ रही हैं वो बाथरूम के अंदर बंद है जिस घर के मालिक की पोती है वह अपने कैमरे में कैद है और जिस घर के मालिक का जो बड़ा छोटा बेटा है
वो भी कहते हैं।
अभी दूध या चुपचाप आकर रसों के पास बैठ जाता है उसके भी हाथ और पैर उसका भी बांधे बांधे जाते हैं मुंबई उसका बंद कर दिया है ताकि चीखना चिल्लाना इसी बीच में फिर से अपने काम में लग जाते हैं जो अपना बैग पैक कर लेते हैं इसी बीच में जो इस कारोबारी की पूर्ति होती है अंशिका जिसकी उम्र पंद्रह साल के आसपास होती है वो लेटे लेटे इसके पर चादर पड़ी हुई थी।
ने अपने हाथ पैर दोनों को खोल लिया उसका मोबाइल कमरे के अंदर ही था तुरंत फोन करती है सबसे पहले अपनी मम्मी को इनकी स्वाति जन को फोन करती है स्वाति जैन और उसके पिता होता है नवीन जैन वह सुबह सात बजे के आसपास घर से निकले थे उसके छोटे भाई को की नवीन जैन स्वाति जैन पहले रोजमर्रा की तरह अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जाते हैं इसको
होने के बाद फिर करीब आधा पौन घंटे के आसपास टहलते हैं पहल के वापिस फिर घर आते हैं लेकिन अब अचानक ही उनकी बेटी अनुष्का के जब फोन पहुंचता है कि घर में बदमाश घुस आए हैं और वह लगातार गोलियां चला रहे हैं तो उसकी लड़की के माता पिता इनकी कारोबारी के बेटे और उसके पुत्र पुत्रवधू की जो सांस रुक जाती है थम जाती हैं में सोचने पर मजबूर हो जाते हैं।
क्या अब आखिरकार करें क्या तुरंत ही वह अपने पड़ोसी को फोन करते हैं कहते हैं कि हमारे घर में बदमाश घुस घुस आए हैं तो जितनी जल्दी हो सके हमारे घर की तरफ देखो और आसपास के लोगों को शोर मचाकर बुला लो तुरंत ही पड़ोसी उनके पास आता है शोर मचाता है दरवाजा खुला हुआ था बाकी सब लोग बंद थे न कोई कमरे में कैद है तो कोई बाथरूम के अंदर कैद है और कोई बेटी ऊपर है तो सब चारों तरफ से जो जो भी एक दिन सिचुएशन थी तुरंत ही से कारोबारी के बड़े बेटे को फोन किया जाता है बताया जाता है कि जो बदमाश थे वह लूटपाट करके यहां से चले गए हैं अब पता नहीं है।
यह खबर पूरे शहर में आपकी तरह फैल जाती है बड़ी संख्या में कारोबारी बिजनेसमैन जो लोग थे व्यापारी थे वह इकट्ठे हो जाते हैं और पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर देते हैं जैसे मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे यह खबर फैलते फैलते उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास तक पहुँच जाते है उसके बाद विधानसभा सत्र चल रहा था।
उत्तर प्रदेश कल लखनऊ लखनऊ के अंदर और जैसे सत्र चल रहा था तो अखिलेश यादव ने भी कहते हुए कि वैसे तो योगी जी बड़ी बड़ी बातें करते हैं लेकिन उनके मेरठ शहर के अंदर जिस तरह की घटना हुई है जिस तरह के व्यापारी को मारा गया है वाकई अपने आप में बहुत ही शर्मनाक है क्योंकि जब परिवार के लोग थे अड़ोस पड़ोस के लोग थे उस व्यापारी को लेकर जाते हैं हॉस्पिटल जो केएमसी हॉस्पिटल होता है ।
व्यापारी मर चुका था लेकिन जो महिला थी महिला की हालत नाजुक हो चुकी थी ये बदमाश बिल्कुल भी नहीं जानते थे कि गोली हाथ में लगी है हाथ में लगने के बाद हाथ से खून लगातार बह रहा था।
खुद ब्लड ज्यादा मात्रा में बह जाता है इसलिए तभी ज्यादा खराब हो जाती है कि एम्स हॉस्पिटल में एडमिट करा जाता है उधर तो पूर्व मुख्यमंत्री के बोलने पर और इधर व्यापारियों के शोर मचाने पर पुलिस पर लगातार दबाव पड़ रहा था कि इस हत्याकांड को किसने अंजाम दिया है पुलिस का शक कभी उस दूधिया पर जाता है तो कभी पूर्व की नौकरानी पर जाता है कभी घर घर में काम करने वाले लोगों पर जाता है ।
कभी अपने ही घर में जो दो बेटे हैं होते हैं उनके इर्द गिर्द घूमता रहता है लेकिन पुलिस कहती कुछ नहीं है पुलिस अपना काम करने की लगातार कोशिश कर रही थी दरअसल जो इसके व्यापारी है उसके दो बेटे होते हैं कि नवीन जैन होता है जो कि यहीं रहता है मेरठ में अपने पिता के साथ काम करता है और दूसरा बेटा होता है छोटा अभिषेक जैन व अपने पत्नी
मयंक जैन अपने बेटे के साथ नार्वे में रहता है कि इंजीनियर है और वह अपने घर पर एक एक महीने के लिए डेढ़ महीने के लिए छुट्टी पर आता है तो वह छुट्टियां मनाने के लिए घर पर आया हुआ था उसको नहीं पता था इस तरह की घटना हो जाएगी शहर में लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया जाम लगाना शुरू कर दिया पुलिस ने उन्हें समझाना शुरू किया किसी तरकीब से
आईजी डीआईजी एसएसपी सीईओ एसपी सिटी कोतवाल तमाम अधिकारी रहते हैं तमाम लोग प्रश्न उन्हें
दबाव बनाते हैं कि जितनी जल्दी हो सके घटना का खुलासा कर दीजिए पुलिस करें तो क्या करें पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की पुलिस हर पहलू पर कोशिश कर रही थी लेकिन जब सफलता नहीं मिलती तो पुलिस के सामने सिर्फ एक ही मात्र रास्ता था वह सीसीटीवी कैमरे जो भी सीडीआर निकलवाई थी मोबाइलों के वह सब निकल पाएंगे लेकिन उनसे कुछ राहत मिली नहीं घर के अलग सदस्य से पूछताछ की
लेकिन उनसे विरासत में मिली पुलिस ने इकतीस टीम बनाते हैं इकतीस टीम बनाने के दस किलोमीटर के दायरे में जितनी भी सीसीटीवी कैमरे थे उन कैमरों को खंगाला जाता है और जब एक एक एक कैमरे को जब बारीकी से खंगाल रहे थे तब एक बाइक ऐसी थी जो लगातार जा रही थी और इस बाइक में खास बात यह थी कि जो आगे बैठा हुआ है उसने भी हेलमेट लगाए हुए पीछे बैठा था।
उसने भी हेल्प हुए जब पुलिस ने अपने कैमरे को जुर्म करने की कोशिश की तो जुर्म करने के बाद भी उन्होंने हेलमेट में भी उन्होंने अपना मास्क लगाए होता जिससे कि उनकी पहचान हो सके तो पुलिस के लिए प्राइम सस्पेक्ट वही थे लेकिन जिस इलाके में घटना होती है उस इलाके में वह कम से कम आधे पौन घंटे के लिए क्योंकि घटना शुरू होती है सात बजकर पंद्रह मिनट पर और आठ बजकर पैंतीस मिनट पर वह अपनी घटना को अंजाम देकर निकल जाते हैं।
एक लाल बत्ती को पार करने के लिए इनकम लगभग पौन घंटे से जब ज्यादा का समय लग का पुलिस को लगा कि शायद यही बाइक है लेकिन जब उस स्प्लेंडर बाइक की तलाश करते हैं तो उस पर फर्जी नंबर पड़ा हुआ था लेकिन पुलिस ने उस बाइक को उस लडके जो बैठे हुए थे कहाँ से आई किधर से जब पाँच सौ से ज्यादा कैमरे खंगाले तो से खंगालने पर पता चलता है ।कि आखिर कार व बाइक आई थी वह प्रेम बिहार की तरफ से थी और उस बाइक चलाने वाला कोई और नहीं था।
का नाम प्रियांक शर्मा और तो पौरुष होता है जो कि एलएलबी के छात्र होता है और साथ जब पुलिस को पकड़ती है गिरफ्तार करती है तो उसके साथ एक लड़का इसका नाम यश शर्मा उर्फ़ या शुभ होता है जो कि रोहतक रोड पर गांव लगता है डर रहा गांव वहां का रहने वाला होता है जो कि एक बैटरी की दुकान पर काम करता था लेकिन आठवीं पास दूसरा लड़का
होता है प्रियांक जो कि एलएलबी कर रहा था अब जब पुलिस से पकड़ते गिरफ्तार करती है तो उसके पास से नगदी भी मिल जाती है लगभग आठ करोड़ रुपए के आसपास की ज्वैलरी भी मिल जाती है जो से पूछा जाता है कि तुमने इस घटनाक्रम को अंजाम दिया तब वह बताता है कि उसने लगभग दो साल से लगातार इस घर की रेकी कर रहा था उसको तो लूट को अंजाम देना ही था जब खूब सारे पैसे
से करते हो जाते तो वह भी कारोबार करता कारोबार करने के बाद वह करोड़पति बनना चाहता था इसलिए उसके पास एकमात्र रास्ता बचा था कि से लूट की घटना को अंजाम देना है लेकिन जिस वक्त वह व्यापारी के अंदर घर में घुसा था उसके बेडरूम में घुसा था तो व्यापारी ने बहुत जोर जोर से चीखना चिल्लाना शुरू किया उन्होंने उसको समझाने की कोशिश की थी कि तुम चीखों मत चलाओ मत घर में जितने भी शख्स
ने चीखने चिल्लाने की कोशिश की उनको गोली पड़ी जिसमें चिल्लाने की कोशिश नहीं की उनके गोली नहीं मारी गई।
वो चाहते तो शायद पांचों के पांच लोगों का कत्ल कर सकते थे क्योंकि दूधिया उसे व्यापारी के बेटा था उसकी रिपोर्ट ही थी उनको मार सकते थे लेकिन यहां पर जो दंपति होते हैं वह दोनों ही चीखते चिल्लाते हैं महिला को उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसने भी लगभग इक्कीस घंटे के बाद दम तोड़ दिया था खत्म हो गई थे फिलहाल पुलिस ने उन दोनों आरोपी गिरफ्त
गया है गिरफ्तार करने के बाद उनको जेल भेज दिया है और जब पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी तो बता रहा था कि दो साल से लगातार वह इस घर की रेकी कर रहा था उसकी लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में उसने कमरा लिया था किराए पर रह कर वो देख रहा था कौन कब आता है कब जाता है क्या खाता है कौन कहां रहता है उसे यह नहीं मालूम था कि नार्वे में उसका बेटा रहता है|
और वह अचानक से यहां पर छुट्टियां मनाने के लिए आ जाएगा वह नहीं जानता था कि अंशिका जो है जो रोज स्कूल जाती है लेकिन उस दिन उसका मन नहीं करेगा वह अचानक से स्कूल जाने की बजाय रुक जाती है अपने घर पर ही रहती है उसे बिल्कुल भी नहीं पता था कि दूध या एक ऐसा व्यक्ति था जो रसोई तक अपने आप से दूर रखकर चला जाया करता था वापिस उसे नहीं पता था।
Crime Petrol Story
यह लोग घर मेंअंदर से अचानक से आ जाते हैं उनका कत्ल करने का इरादा नहीं था लेकिन कत्ल हो जाता है जितनी मेहनत उसने करोड़पति बनने के लिए यह रास्ता अपनाया काश कि उसने पढ़ाई में मेहनत की होती पढ़कर वह जज बन सकता था लेकिन अब कातिल बन गया है अब उसकी पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे गुजरेगी और शायद उसे कभी सुकून नहीं मिलेगा जो कमान
आने के लिए जो उसने इकट्ठा किया था वो शायद कुछ चंद घंटों के लिए उसके पास जरूर रहा था
कहानी का निष्कर्ष
दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को सोने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है किसी का दिल दुखाना नहीं बल्कि आपको जागरूक करना है आपको सचेत करना है और जाते जाते आज आरा की रहने वाली स्वीटी कुमारी हैं आज उनका जन्मदिन है इनको जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं बहुत बहुत