Crime story in Hindi :Lucknow KGMU के सामने से किडनैपिंग के बाद अधिकारी की बे टी के संग हाईवे पर सात घंटे तक
Introduction कहते है। कि इंसान और जानवर के अंदर सिर्फ सोच का फर्क होता है।
दरअसल जब इंसान कोई काम करता है। तो उसे पता होता है। क्या अच्छा है। क्या बुरा है। कोई भाई है। कौन बहन है। किसके साथ क्या करना है। क्या नहीं करना है। जबकि जानवर में यह समझ विकसित नहीं हो पाई और उसे यह पता ही नहीं होता है। वह किसके साथ क्या कर रहा है। सामने वाला कौन है। अच्छा क्या है। बुरा क्या है। भाई ने बहन कौन है। इसलिए
इंसान और जानवरों में सोच को देखते है।
उनमें फर्क महसूस किया जाता है। आज की कहानी जो आपको सोने जा रहा हूँ इस कहानी में कुछ ऐसा ही होता है। देखने में तो वह इंसान जैसे लगते है।
लेकिन काम उनके जानवरों जैसे थे। उन्होंने भी कुछ सोचा नहीं समझा नहीं कि वह जो करने जा रहे है।
गलत होता है। गाड़ी सात घंटे तक लगातार हाईवे पर दौड़ती रहती है। उसमें जो लड़की बैठी हुई थी। वह लगातार चीख रही थी। चिल्ला रही थी। और उस चीखने और चिल्लाने की आवाजों को बंद करने के लिए शांत करने के लिए गाड़ी के अंदर साउंड बहुत तेजी के साथ बड़ा बजट जाता है। ताकि चीखने की आवाज इस साउंड में
दब जाए हालांकि क्राइम को कितना भी शातिर तरीके से क्यों न किया जाए क्राइम कभी छुपता नहीं है।
Crime story in Hindi :Lucknow KGMU
आदाब नमस्कार सत श्री अकाल में उस्मान सैफी आज की जो सच्ची घटना में आपको सुनाने जा रहा हूँ।कि सच्ची घटना है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और इसी का एक थाना लगता है। वजीरगंज दरअसल घटना तो पाँच दिसंबर दो हज़ार तेईस की है। लेकिन उस लडकी ने अपने परिवार वालों को समय पर नहीं बताया और समय पर न बताने की वजह से ही एक दो दिन ऐसे ही बीत जाते है।
और दस दिसंबर दो हज़ार तेईस को वो लड़की अपने परिवार के साथ थाने पहुंच जाती है। वजीरगंज थाने जाने के बाद उसके ऊपर जो आप बीती हुई थी। जब उसने इस कहानी को बयां किया तो उस लडकी का रो रोकर बुरा हाल हो जाता है। दरअसल की बताती है।
कि वह एक इस शहर के नामी गिरामी कॉलेज में पढ़ती है। उसकी उम्र लगभग उन्नीस साल के आसपास है। उसके पिता पीसीएस अधिकारी है।
जिनकी पोस्टिंग लखनऊ के अंदर है। वो लडकी के केजीएमयू जो कि एक मेडिकल कॉलेज है। मेडिकल कॉलेज में एक मानसिक चिकित्सालय है। वहां पर कई महीने से लगातार जाए करती थी। ताकि अपने दिमाग का इलाज करा सके इसलिए उस लड़की के साथ कोई दिक्कत कुछ इस था उस स्ट्रेस को खत्म करने के लिए वह केजीएमयू में जाया करती थी। और एक दिन यानी कि पाँच दिसंबर दो हज़ार तेरह को जब डॉक्टर के पास जाती है। उसका अपॉइंटमेंट था।
तो अपॉइंटमेंट के बाद वह जैसे केजीएमयू से बाहर निकलती है। बाहर निकलने के बाद एक चाय की टपरी होती है। चाय की टपरी पर बैठकर वह अक्सर जाया किया करती थी। क्योंकि कई बार ऐसा होता था जब वक्त से पहले उस मेडिकल कॉलेज पहुंच जाया करती थी। वक्त बिताने के लिए उसे अपना कहीं न कहीं वह खड़ी हो जाया करती थी। बैठ जाया करती थी। इसलिए चाय की टपरी पर आना जाना होता था।
चाय की टपरी चलाने वाला कोई और नहीं इसका नाम
होता है। सत्यम मिश्रा सत्य मिश्रा से बोली कि भैया चाय बना दो और चाय बनाने के लिए जैसे लड़का लग जाता है। तभी वह कहती है। कि भैया मेरा जो मोबाइल है। ना वह बिल्कुल डिस्चार्ज हो चुका है। क्या घर के हो सकता है। कि फोन आ रहा होगा घर वाले ऐसा ना हो परेशान हूं क्या आप मेरा फोन चार्जिंग पर लगा सकते हो उसने कहा कि देवी कोई दिक्कत नहीं कोई परेशानी नहीं है।
आप मुझे अपना मोबाइल दीजिए सामने जो एंबुलेंस खड़ी हुई है। इस एम्बुलेंस में में हमारा मोबाइल लगा देता हूं और वह चार जाएगा जितनी देर आप चार्ट चाय पियोगी इतनी देर में काफी हद तक मोबाइल चार्ज हो सकता है। किसी का फोन आएगा तो आप से रिसीव करना बाकी घर जाकर कर लेना उस लड़की को तसल्ली हुई क्योंकि वह कई महीने से यहां आ रही थी। और जब भी आती थी।
तो यहां आकर सत्यम के पास आकर चाय पी लिया करती थी। और ठीक वैसे ही होता है। वो लड़का उस लड़की को लेकर पास नहीं खड़ी हुई एम्बुलेंस के पास जाता है। और पास जाने के बाद उस मोबाइल को चार्जिंग पर लगा देता है। अब मोबाइल चार्जिंग पर लगा हुआ था उस लड़की ने उस लड़के से कहा कि भैया एक चाय और बना दो काफी थोड़ा टाइम लग जाएगा निर्मित मोबाइल भी चार जो जाएगा और मेरे जो ड्राइवर है। वो ड्राइवर गाड़ी लेकर आता ही होगा।
मैं उसके साथ आराम से निकल जाऊंगी उस लड़की ने बस इतना कहा और चाय पीने लग जाती है।
लग जाती है। उसने कहा कि भैया चाय तो पी लिए अब मेरा मोबाइल वापस दिलवा दो अब उस लडके के लडके ने जिसका नाम सत्यम होता है। और सत्यम ने उस लडकी को ले जाने के बाद एंबुलेंस के पास जाता है। तो एम्बुलेंस अपनी जगह पर नहीं थी। वहां से जा चुकी थी। जैसे एम्बुलेंस जाती है। तो उसने कहा कि मोबाइल भी उस एम्बुलेंस के साथ चला गया है। अब उस एम्बुलेंस वाले संपर्क करने की कोशिश की
एम्बुलेंस वाले से कहा कि तुम कहाँ हो और तुम्हारी एम्बुलेंस के अंदर मोबाइल लगा हुआ था कम से कम उस मोबाइल देकर चले जाते तो जैसे ही उसका मोबाइल के बारे पता चलता है।
कहता है। कि तुम परेशान मत हो मोबाइल बिल्कुल ठीक है। सही सलामत है। दीदी से कहना कि वो परेशान न हों और में फिलहाल डोली गेम्स के अंदर हूं
आप आओ और आकर मोबाइल लेकर यहां से चले जाओ अब जैसे ही वह लड़का उस लड़की को लेकर यहां से दो पहुंचता है। और दो लेकिन जाने के बाद पता चलता है। कि आप दो लेकिन में नहीं एम्बुलेंस एम्बुलेंस वहां से जा चुकी थी। वहां पर लेकिन एक और लड़का मिलता है। और वह कुछ देर पहले अभी इस सत्यम की चाय की दुकान पर चाय पी रहा था उस लड़के को देखकर लड़की ने कहा कि यह भैया तो अभी चाय की दुकान पर थे। कहता है। कि हां मेरे दोस्त है।
दुकान पर थोड़ा परेशान हो गया था आपके मोबाइल के लेकर लेकिन आप परेशान मत हो अब इस एंबुलेंस वाले से फिर पूछा कि एंबुलेंस कहां पर है। तो कहता है। कि एम्बुलेंस अब आईटी चौराहे के पास पहुंच चुकी है। इसलिए अब तुम्हारा मोबाइल आईटी चौराहे के पास से परेशान मत हो और इसी बीच में एक वैगनआर कार आती है। वैगनआर कार में उस लड़की को बिठाया जाता है। और कहा जाता है।
आईटी चौराहे तक चलते है। और वहां चलने के बाद तुम्हारा मोबाइल फोन मिल जाएगा परेशान मत हो अब तुम वैसे भी मोबाइल द्वारा काफी हद तक चार्ज हो गया होगा अब गाड़ी के अंदर तीनों बैठ जाते है। एक लडका जिसका नाम सत्यम होता है। दूसरा लड़का इस्लाम असलम होता है। जो कि बाजार खाला जगह लगती वहां का रहने वाला होता है। और तीसरा लगा जो भी कार लेकर आया था इसका नाम मोहम्मद सुहैल जो कि बाजार खाला कहीं रहना वाला होता है। तीन लड़के एक लडकी अब आईटी चौराहे की तरफ चल देते है।
लेकिन जैसे ही आईटी चौराहे की तरफ जाते है। वहां जाकर देखते है। तो वहां एम्बुलेंस खड़ी हुई नहीं थी। अब एंबुलेंस नहीं थी। तो लडकी थोड़ा परेशान हो जाती है। वह अभी तक समझ नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि वह बाराबंकी की जरूरत जुलूस राग रास्ता है। रोड है।
वह एंबुलेंस उधर की तरफ गई है। उधर की तरफ चलते है। अब अपनी वैगनआर कार लेकर उन तीन लड़कों के साथ लडकी चली जाती है। उस बाराबंकी की तरफ वहां पर एक सफेद आबादी जगह लगती है। अब काफी वक्त हो चुका था इनकी एक दो घंटे बीत चुके थे। और उस लडकी को भोग जैसी लग रही थी।
तभी सत्यम ने कहा कि अगर दीदी आपको परेशानी न हो आपको कोई ऐतराज न हो तो क्या अब कुछ खा सकते हो थोडा खालो हो सकता तसल्ली हो जाए उसके बाद फिर मोबाइल भी आपको जल्दी मिल जाएगा अब उस लड़की को ढाबे पर लिखे जाते है। वहां जाने के बाद खान होने लग जाता है। खाना लगता है। तो खाना खाते खाते अब उस लड़की को वह वापिस कार में ले जाते है। और जैसे कार में लाते है। तो उस लड़की को खाना खाने के बाद अब उसकी हालत पहले जैसी नहीं थी। बल्कि उसे ऐसा लग रहा था। जैसे क्या उसे नींद आ रही यानी कि उस लड़की को खाने के साथ कुछ पीने की ऐसी चीज देवी थी।
जिसमें नशीला पदार्थ मिला होता और नशीला पदार्थ मिला मिलते ही उस लड़की की हालत अब पहले जैसी नहीं थी। वह काबू में आराम से आ सकती थी। तभी उन लडकों ने उस लड़की के साथ बद्तमीजी करना शुरू कर दिया उस लड़की ने विरोध करना शुरू किया जैसे लड़की ने विरोध किया उन्होंने से ऊपर चला
अब यह गाई कहते है। कि शीशे भी कुछ चढ जाते है।ं उपर तक तब गाड़ी पूरी तरह से साउंड प्रूफ हो जाते है।
उसमें आवाज बाहर की तरफ उतनी मात्रा में नहीं जाती जितनी जा सकती थी। लेकिन इसी बीच में उन्होंने कहा कि इसकी आवाज को दबाने के लिए उन्होंने उस गाड़ी में जो साउंड लगा हुआ था उस साउंड कुछ तेज आवाज में गाने सुनने शुरू कर दिए और वह हाईवे पर गाड़ी चलना
शुरू हो जाती है। जैसे ही हाइवे पर गाड़ी चल रही थी। लगातार चलते चलते उन्होंने लडकी को बारी बारी से इसके साथ गंदा काम करना शुरू कर दिया बलात्कार करना शुरू कर दिया और जब तक उनका मन नहीं भरा बताया जाता है। कि लगभग छह से सात घंटे घंटे तक वह गाड़ी हाइवे पर चलती रहती है।
और उनका जब जितना मन कर रहा था उसके
शरीर से वो उतना ही खेल रहे थे। उसके साथ वह उतने ही बत्तमीजी कर रहे थे। तभी उस लडकी को सात आठ घंटे के बाद मुंशी लाल एक जगह है। वहां पर से छोड़ जाते है।ं वो लड़की अपने वहां से सीधा अपनी सहेली के पास जाती है। तो समझ नहीं पा रही थी। जब उसे होश आता है। कि उसके साथ क्या हुआ क्या नहीं हुआ उस लड़की ने अपनी सहेली से बताई सहेली ने कहा
कि अगर यह बात लोगों को पता चलती है।
परिवार वालों को पता चलती है। तो बहुत दिक्कत हो की समस्या हो जाएंगे इसके बाद लड़की जो अपना घर होता है। इस लड़के घर एक शहर का विभूति खंड गोमती नगर इलाका है। जो शहर का सबसे पॉश इलाका है। वहां पर ज्यादातर अधिकारी ही रहते है।ं वह अपने घर जाती है। लेकिन मां इस लडकी की परेशानी इस दिक्कत को समझ जाते
है। मैं बार बार पूछ रही थी। बेटा तुम्हारे साथ क्या हुआ है। तुम थोड़ी दिक्कत में लग रही हो परेशानी लग रही हो उस लड़की ने बाबर बहाने बनाना शुरू कर दिया लेकिन जब वक्त बीत रहा था तब जाकर लड़की टूटती है। और अपनी समस्या बयां करती है। कहती है। कि माँ मेरे साथ गंदा और घिनौना कृत्य हुआ है।
मेरे साथ की केजीएमयू जो मेडिकल कॉलेज के सामने चाय की टपरी
लगाता है। सत्यम नाम का एक लड़का जिसके पास पहले भी कई बार गई है। उसके दोस्तों ने और उसने मिलकर उसके साथ गंधार घिनौना कृत्य किया है। दस दिसंबर दो हज़ार तेरह को जब ये थाने में जाते है।ं थाने में जाने के बाद अपनी समस्या बताते है।ं पुलिस इस मामले को बहुत गंभीरता से लेती है। और गंभीरता से लेने के बाद उस सत्यम को भी साथ ही जो उसके साथ ही होते है।
मोहम्मद सुहैल और मोहम्मद असलम इनको भी गिरफ्तार किया था गिरफ्तार करने के बाद फिर वो कहानी बयां करते है। मोबाइल चार्जिंग का बहाना करके जिस तरह से उन्होंने इस लड़की के साथ बलात्कार किया उसके साथ गंदा घिनौना कृत्य किया इससे पूरे लखनऊ शहर में हड़कंप मच जाता है। इस लड़की की हल्की सी मदद के बहाने कितना गलत काम उसके साथ के है।
पुलिस ने गिरफ्तार किया गिरफ्तार करने के बाद इन आरोपियों को जेल भेज दिया और उस लड़की को मेडिकल परीक्षण कराया गया साथ ही इस घटना से उस लडकी के दिमाग पर पहले से ही असर था। और भी ज्यादा असर होने लगता है। उस लड़की को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया शायद बताया जाता है। कि दस ग्यारह तारीख तक इसका लगातार इलाज चलता रहा था ताकि डॉक्टर उसकी काउंसलिंग करके से दे सकें जो हुआ है। उसे भुलाने की कोशिश कर सकें पटानी भविष्य में भी इस दृश्य को इस से ऐसे बुरे सपने को कभी भूल पाएगी या नहीं भूल पाएगी लेकिन उस उन लडकों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने ठानी है। कि कम से कम समय चार लगाकर अदालत भेजी जाएगी साथ ही उन आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी ताकि से मैसेज जा सके एक संदेश जा सके कि बुरे काम का बुरा नतीजा होता है। अब चाहे वह कोई भी हो उस लड़की को के साथ जो भी हुआ है। वाकई बहुत भयानक है। बहुत बुरा है।
निष्कर्ष
दोस्तों इस पूरे घटनाक्रम को सुनाने का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है। किसी का दिल दुखाना नहीं है। बल्कि आपको जागरूक करना है। आपको सचेत करना है। को बताना है। कि कम से कम घर घर परिवार हो दोस्त और रिश्तेदार हो कहीं भी हो खासकर लड़कियों के लिए कि हर किसी के साथ वो एकदम से खुलकर व्यवहार न करें।
साथ ही उन्हें गुड टच बैड टच के बारे में पता होना चाहिए साथ ही उन्हें अच्छे बुरे की समझ होनी चाहिए किसके साथ जा रही है। इसके साथ नहीं जा रहे है। जिन्होंने एंबुलेंस में मोबाइल लगाया था तो वह लड़की की जिम्मेदारी बनती थी।
कि कुछ ही देर की बात थी। वह अपने ड्राइवर का इंतजार कर रही थी। इंतजार कर लेती ड्राइवर आता अपने घर जाकर मोबाइल चार्ज कर सकते थे। लेकिन एक अनजान व्यक्ति पर इतना विश्वास किया और उस अनजान व्यक्ति ने उसकी जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए तार तार कर दिया तो आज इटावा के रहने वाले सौरभ कुमार है। साथ ही मर्जर खान है। आज उनका जन्मदिन है। इनको जन्मदिन की ढेर सारी शुभ
काम में बहुत बहुत मुबारकबाद साथ ही कुछ लोगों ने नम नाम लेने की अपील की है। जिसमें अभिषेक जादौन है।
सुरेंद्र सिंह रोहित सैनी मुकेश कुमार जफर खान राकेश तंवर शिव केस संतोष चौहान हमीर सिंह सन्नी अली राजीव सिंह आनंद शर्मा आप सब लोग अपना खयाल रखें सुरक्षित रहें जय हिंद